A Review Of पारद शिवलिंग क्या होता है

पठन सेटिंग्स खाता बनाएँ लॉग-इन करें व्यक्तिगत उपकरण खाता बनाएँ

स्फटिक शिवलिंग; रंगहीन या सफेद खनिज (स्फटिक) से बनाया जाता है।

प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।

सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों के माध्यम से जानें मेष से मीन राशियों के दैनिक राशिफल। आज ही पढ़ें सभी राशियों के दैनिक राशिफल।

इसके बाद लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, रोली और अक्षत चढ़ाकर कुंजी की विधिवत पूजन करें।

शिव पुराण के अनुसार जो लोग शिवलिंग की पूजा करके महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें सुबह के समय और दोपहर से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. तभी ये पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है. इसके अलावा याद रखें कि घर में जिस जगह पर शिवलिंग हों, उनके पास पूरा शिव परिवार माता गौरी, गणपति और कार्तिकेय जी को भी बैठाएं.

साथ ही माँ लक्ष्मी और कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः’ मंत्र का पाठ करें।

अगर आप अध्यात्म पथ पर आगे बढ़ना चाहते हों, योग और ध्यान में आपका मन लगता हो और मोक्ष की प्राप्ति की इच्छा हो तो आपको पारे से बने शिव लिंग की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको click here मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है।

It is simple with our apps and no cost pricing facts. Get hold of Bill Pricing nowadays to learn more regarding how you can find the ideal offer probable on a new auto.

तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

जैसे- स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग. इनमें से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है.

नकारात्मकता का नाश: पारद शिवलिंग अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सहायक होता है।

आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *